इस जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण जी की पूजा करते समय इन बातों का जरूर ध्यान रखें – Astrologysupport.com


भाद्रपद की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को भगवान विष्णु ने कृष्ण के रूप में धरती पर आठवां अवतार लिया था. भगवान स्वयं इस दिन पृथ्वी पर अवतरित हुए थे इसलिए इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी और जन्माष्टमी के रूप में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन मंदिरों में झांकियां सजाई जाती हैं और भगवान कृष्ण को झूला झूलाने की परंपरा भी है.

krishna-janmashtami-poojaकृष्ण जन्माष्टमी पर कैसे करें पूजन
– व्रत की पूर्व रात्रि को हल्का भोजन करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें.
– सूर्य, सोम, यम, काल, संधि, भूत, पवन, दिक्‌पति, भूमि, आकाश, खेचर, अमर और ब्रह्मादि को नमस्कार कर पूर्व या उत्तर मुख बैठें.
– व्रत के दिन सुबह स्नानादि नित्यकर्मों से निवृत्त हो जाएं.
– इसके बाद जल, फल, कुश और गंध लेकर संकल्प करें:
ममखिलपापप्रशमनपूर्वक सर्वाभीष्ट सिद्धये श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रतमहं करिष्ये॥
– अब शाम के समय काले तिलों के जल से स्नान कर देवकीजी के लिए ‘सूतिकागृह’ नियत करें.
– इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र स्थापित करें.
– मूर्ति में बालक श्रीकृष्ण को स्तनपान कराती हुई देवकी हों और लक्ष्मीजी उनके चरण स्पर्श किए हों अगर ऐसा चित्र मिल जाए तो बेहतर रहता है.
– इसके बाद विधि-विधान से पूजन करें. पूजन में देवकी, वसुदेव, बलदेव, नंद, यशोदा और लक्ष्मी इन सबका नाम क्रमशः लेना चाहिए.
– फिर निम्न मंत्र से पुष्पांजलि अर्पण करें-
‘प्रणमे देव जननी त्वया जातस्तु वामनः। वसुदेवात तथा कृष्णो नमस्तुभ्यं नमो नमः। सुपुत्रार्घ्यं प्रदत्तं में गृहाणेमं नमोऽस्तुते।’
– अंत में प्रसाद वितरण कर भजन-कीर्तन करते हुए रतजगा करें.

आज की जन्माष्टमी है बहुत ही खास, क्योंकि पूरे 52 साल बाद बनेगा सुंदर संयोग – astrologysupport.com


इस बार गोकुल मैं जन्माष्टमी 25 अगस्त को मनायी जायेगी, आप सभी और हम य जानते हैं कान्हा जी का जन्मदिवस हर बार काफी खास होता है लेकिन २०१६ की जन्माष्टमी काफी अनोखी और स्पेशल है क्योंकि इस बार ऐसा योग पूरे 52 साल बाद त्रिगुण संयोग बन रहे हैं, जैसे कि भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के वक्त बने थे.

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क्या आपको पता हैं जिस समय मां देवकी के गर्भ से वासुदेवनंदन का जन्म हुआ था, उस समय रोहिणी नक्षत्र था और भादो की अष्टमी थी। ऐसे नक्षत्र साल पहले 1958 में ही बना था । उसके बाद इस साल 25 अगस्त 2016 को बना हैं। मनोकामनाएं पूरी करनी है तो ‘लड्डू गोपाल’ को लगाइये ये प्रसाद इसलिए इस बार का कान्हा जी का जन्मदिन काफी प्रभावी और खुशियां देने वाला है, पंडितों के मुताबिक इस दिन सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने से जातक की हर मुराद पूरी होगी। अच्छे फल पाने के लिए इस दिन जातक गरीबों को खाना खिलाएं और दान-पुण्य करें तो आने वाले दिन उनके लिए अच्छे साबित होंगे।

 

 

 

 

जन्माष्टमी 2016: पूजा करने का मुहूर्त एवं समय – Astrologysupport.com


जन्माष्टमी की आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं भगवान श्री कृष्ण आपकी हर मनोकामना पूरी करे ! जय श्री कृष्णा !

आपको ये जानकर ख़ुशी होगी की गोकुल मैं इस बार 25 अगस्त को जन्माष्टमी मनायी जायेगी
क्योकि इस दिन रोहिणी नक्षत्र लग रहा है जिसके कारण ही इस साल लड्डू गोपाल (श्री कृष्ण जी) का जन्मदिवस बहुत ज्यादा ही खास हो गया है।

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जन्माष्टमी की पूजा करने का सही मुहूर्त और समय :

इस बार इस रोहिणी नक्षत्र लग रहा है इसलिए निशिता पूजा का सर्वोत्तम समय मध्यरात्रि यानी कि 12 बजे से लेकर 12: 45 बजे तक है।

इस वक्त उपवास रखने वाले पूजा करके प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं, जबकि पारण का समय 26 तारीख को सुबह 10 बजकर 52 मिनट है लेकिन जो लोग पारण को नहीं मानते वो भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद और पूजा करने के बाद यानी कि रात 12: 45 बजे के बाद अपना व्रत तोड़ सकते हैं।

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